भारतीय टीम के साथ गए फिजियोथैरेपिस्ट, न्यूट्रेशिनस्टि व मैडिकल अफसरों ने नहीं निभाई जिम्मेवारी
चरखी दादरी : ओलंपियन पहलवान विनेश फौगाट को वजन अधिक होने के कारण प्रतियोगिता से बाहर किए जाने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी नेता भगवंत मान विनेश फौगाट के चरखी दादरी जिला में विनेश के गांव बलाली में परिजनों से मिलने पहुंचे तथा उनसे खेल के बाद बातचीत की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि विनेश फौगाट को मात्र 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। इसको लेकर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज करवानी चाहिए थी तथा खिलाड़ी के साथ गए फिजियोथैरेपिस्ट, डाईटिशियन, कोच व डॉक्टरों को अपनी जिम्मेवारी ठीक से निभानी चाहिए थी।
इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को विनेश फौगाट के डिस्क्वालीफाई करने पर जताना चाहिए था कड़ा ऐतराज
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उन्होंने खुद विनेश फौगाट के पिछले मैच देखे है। उन्होंने खेल प्रेमी होने के चलते इस बात पर दुख है कि भारत की बेटी को प्रतियोगिता से मात्र 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण बाहर कर दिया गया। उन्होंने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के सदस्यों पर तलख टिप्पणी करते हुए कहा कि एसोसिएशन के सदस्यों ने एक बार भी आपत्ति नहीं जताई। उन्हे अपनी भूमिका ठीक प्रकार से निभानी चाहिए थी। उन्होंने भारतीय हॉकी के खिलाड़ी को रेड कार्ड दिखाए जाने तथा आस्ट्रेलिया के साथ हॉकी के मैच के दौरान भारतीय टीम द्वारा किए गए गोल को डिस्क्वालीफाई किए जाने को लेकर ओलंपिक एसोएिशन की आलोचना की।
खेल में राजनीति नहीं होनी चाहिए, खिलाडिय़ों के साथ प्रधानमंत्री को खड़ा होना चाहिए था : भगवंत मान
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब विनेश फौगाट के द्वारा तीनों मैच जीते जाने के बाद कोई ट्वीट नहीं किया। डिस्क्वालीफाई होने के बाद जरूर ट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक मुद्दा नहीं है तथा खेल को लेकर वे राजनीतिक करना उचित नहीं समझते। परन्तु जो प्रधानमंत्री यूक्रेन युद्ध को रोकने का दावा करते है, वे अपने देश के खिलाडिय़ों के साथ खड़े नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि यह देश की धनाढ्य महिला नीता अंबानी भी इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन की सदस्य है। उन्होंने भी कोई ऐतराज नहीं जताया। उन्होंने कहा कि विनेश फौगाट एक छोटे से गांव से उठकर ओलंपिक तक पहुंची है तथा वे खुद भी छोटे से गांव से उठकर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने है। ऐसे में कुछ ताकतें आम घरों से उठकर आगे बढऩे वालों का साथ नहीं देती यह निदंनीय है।