चिंता नहीं चिंतन करने से पछतावा नहीं होगा : कंवर महाराज
चरखी दादरी : मन-वचन और कर्म से अच्छे हो जाओ ,आप शब्द रस को प्राप्त कर जाओगे। किसी का मन मत दुखाओ, किसी को कड़वे वचन मत बोलो और कर्म परोपकार और परमार्थ के करो। चरित्र को अच्छा रखो, क्योंकि जिसका चरित्र अच्छा उसका सब कुछ अच्छा। चिंता नहीं चिंतन करो, क्योंकि चिंतन आपको कभी पछतावा नहीं होने देता। यह सत्संग वचन परमसंत कंवर महाराज ने रविवार को दादरी के लोहारू रोड स्थित राधास्वामी आश्रम में रक्षाबंधन पर आयोजित कार्यक्रम में अनुयायियों को संबोधित करते हुए कही।
गुरु-शिष्य का सबसे बड़ा नाता
रक्षाबंधन पर आयोजित सत्संग में कंवर महाराज ने सत्संग में कहा कि रक्षासूत्र में बांधने वाले को बंधवाने वाला पूरी उम्र रक्षा का वचन देता है। रक्षा बंधन के सब नातो में सबसे बड़ा नाता है गुरु-शिष्य का है। जिस प्रकार भाई बहन को सुरक्षा का वचन देता है, गुरु भी शिष्य को रक्षा का वचन देता है। हर त्यौहार की तरह रक्षाबंधन भी इस भागदौड़ भरी जिंदगी से प्रभावित हो रहा है, इसका कारण है कि आज हमारे पास बड़े बुजुर्गों के पास बैठने का समय नहीं है। जो देश ऋषि मुनियों का देश था, जहां परहित और परोपकार को महत्व दिया जाता था, वहां पर आज बुराइयां पसर रही हैं। इसका कारण है आज बच्चों को उनके बचपन में धर्म और वीरता की कहानियों की जगह टीवी और मोबाइल की गंदगी परोसी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मन वही है लेकिन जिसने इसको सतगुरु के खूंटे से बांध दिया उसका मन गुलाम हो गया और जो नहीं बांध पाया और वह मन का गुलाम हो गया है। कहा कि अपने आप को खालिस करो, खालसा बनो तभी अंतर में भक्ति भर पाओगे। जो लोग रोग-भोग से परेशान हैं वो कहां से भक्ति करेंगे। भक्ति आपके अपने अंदर है। राम आपके अंतर में रमा हुआ है।